✍️कुछ लिख नहीं पाते कुछ सुना नहीं पाते,
हाल-ए-दिल जुबान पर ला नहीं पाते,
वो उतर गए हैं दिल की गहराइयों में,
वो समझ नहीं पाते और हम समझा नहीं पाते।
😊 तन्हाई सी थी दुनिया की भीड़ में,
सोचा कोई अपना नहीं तकदीर में,
एक दिन जब दोस्ती की आप से तो यूँ लगा,
कुछ ख़ास था मेरे हाथ की लकीर में।😀😀
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